नरसिंहपुर l प्रगतिशील कृषक श्री कृष्‍णपाल सिंह लोधी ग्राम चिरचिटा विकासखण्‍ड गोटेगांव में प्राकृतिक खेती पाठशाला एवं गन्‍ने की नई अंतरवर्तीय खेती विषय पर कृषक प्रशिक्षण एवं फील्‍ड डे (प्रक्षेत्र दिवस) का आयोजन कलेक्‍टर सुश्री ऋजु बाफना की उपस्थिति में किया गया ।

      प्राकृतिक खेती करने वाले जिले के कृषक श्री कृष्‍णपाल द्वारा प्राकृतिक खेती एवं नई अंतरवर्तीय खेती जिसमें गन्‍ने की पत्तियों में आग लगाने की मजबूरी नहीं होती है और गन्‍ने की नोरपाजडी एवं मडी तीनों फसलों मेंतीनों सीजन (रबीजायद एवं खरीफ) अंतरवर्तीय खेती संभव है। प्राकृतिक खेती एवं गन्‍ने की नई अंतरवर्तीय खेती के संबंध में कलेक्‍टर द्वारा जिले के किसानों को संबोधित करते हुए आव्‍हान किया कि जिले के सभी कृषक कम से कम 01 एकड में प्राकृतिक खेती कर जहर मुक्‍त अनाजजिसका स्‍वाद भी बहुत अच्‍छा होता है का उत्‍पादन करेंक्‍योंकि देश-विदेश में प्राकृतिक खेती/जैविक खेती से उत्‍पादित अनाज की मांग बढ रही है और ऐसे अनाज का ज्‍यादा मूल्‍य देने के लिए भी देश-विदेश के लोग तैयार है।

      प्राकृतिक खेती एवं गन्‍ने की नई अंतरवर्तीय खेती के संबंध में उप संचालक कृषि डॉ. आर.एन. पटेलकृषि विज्ञान केन्‍द्र के वैज्ञानिक डॉ. आशुतोष शर्मा एवं प्रगतिशील कृषक श्री कृष्‍णपाल द्वारा कृषकों को विस्‍तृत जानकारी दी गई। तदोपरांत सभी किसानों ने कृषक श्री कृष्‍णपाल पटेल के प्रक्षेत्र का भ्रमण कियाजिनके द्वारा बेन्‍चूरी का प्रयोग करके स्प्रिकंलर के द्वारा जीवामृत का छिडकाव का प्रयोगिक रूप से अवलोकन कराया। घनजीवामृत एवं जैविक कीटनाशक बनाने का तरीका भी बताया गया। कृषक द्वारा 5 फिट के अंतराल पर गन्‍ने की 2 लाईन के बीच में गन्‍ने की पत्तियों का आच्‍छादन किया गया है तथा 10 फिट में अंतरवर्तीय फसलें जैसे- गेहूंचनाआलूधनिया एवं मूंग आदि की फसलें लगाई गई है। सभी किसानों ने इस तकनीकी को बहुत सराहा एवं गन्‍ने की इस नई पद्धति से अंतरवर्तीय खेती को अपनाने में सहमति जताई साथ ही 1 एकड में प्राकृतिक खेती करने  की बात की।

      कार्यक्रम में जिले के कृषि विभाग के सभी अधिकारी एवं जिले के सभी विकासखण्‍डों से लगभग 150 प्रगतिशील कृषक/गन्‍ना उत्‍पादक कृषक उपस्थित रहे।